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जीवन का मूल्य

August 27, 2015

गुरुनानक साहेब के पास एक आदमी गया और उसने कहा बताईये गुरूजी जीवन का मूल्य क्या है?

गुरूनानक ने उसे एक पत्थर दिया और कहा,
"जा और इस पत्थर का मूल्य पता करके आ, लेकिन ध्यान रखना पत्थर को बेचना नही है I

वह आदमी पत्थर को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और संतरे वाले को दिखाया और बोला
"बता, इसकी कीमत क्या है?

संतरे वाला चमकीले पत्थर को देख कर बोला, "12 संतरे लेजा और इसे मुझे दे जा"

वह आदमी संतरे वाले से बोला गुरू ने कहा है इसे बेचना नही है

और

आगे एक सब्जी वाले के पास गया, उसे पत्थर दिखाया.
सब्जी वाले ने उस चमकीले पत्थर को देखा और कहा "एक बोरी आलू ले जा और इस stone को मेरे पास छोड़ जा"

उस आदमी ने कहा, मुझे इसे बेचना नही है, मेरे गुरू ने मना किया है.

आगे एक सोना बेचने वाले सुनार के पास गया उसे पत्थर दिखाया. सुनार उस चमकीले पत्थर को देखकर बोला
 "50 लाख मे बेच दे". उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ मे दे दे या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे"
उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है l

आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे पत्थर दिखाया.
जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा, तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया, फिर उस बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका. फिर जौहरी बोला, "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी

"सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी इसकी कीमत नही लगाई जा सकती ये तो बेसकीमती है "

वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे गुरू के पास आया और अपनी बिती घटना बताई और बोला
"अब बताओ गुरूजी मानवीय जीवन का मूल्य क्या है?

गुरूनानक बोले :
तूने पहले पत्थर को संतरे वाले को दिखाया, उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई

आगे सब्जी वाले के पास गया, उसने इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई

आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई l और जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया

अब ऐसे ही तेरा मानवीय मूल्य है. तू बेशक हीरा है लेकिन सामने वाला तेरा आकलन अपनी औकात अपनी जानकारी और अपनी हैसियत और मकसद से लगाएगा। घबराओ मत दुनिया में तुझे पहचानने वाले भी मिल जायेगे।

Respect Yourself,

You are also Unique,

No One Can Replace You.